गोंडा : अचानक बदले मौसम ने एक बार फिर किसानों की चिता बढ़ा दी है। बारिश से गेहूं, जौ व गन्ना को फायदा होगा। दलहन, तिलहन को नुकसान होगा। यदि जल्द मौसम साफ नहीं हुआ तो किसानों की मुसीबत बढ़ सकती है। यही नहीं कृषि वैज्ञानिक ने मौसम साफ होने पर कुछ फसलों में फफूंदी रोग लगने की भी आशंका जताई है। ऐसे में किसान सजग रहकर फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं। जिले में करीब ढाई लाख हेक्टेयर में फसलें लगी हुई हैं। पेश है किसानों की समस्या के समाधान को लेकर यह रिपोर्ट : इनसेट
जिले में बोई गईं फसलेंक्षेत्रफल फसल
147666 गेहूं
15831 मसूर
15680 तोरिया
10843 सरसों
1280 अरहर
759 जौ
656 चना
4446 मटर
25328 सब्जियां
5455 फूल
3500 फल
नोट : क्षेत्रफल हेक्टेयर में है। क्या करें किसान
-मौसम साफ होने पर ही यूरिया का छिड़काव करें।
-बारिश होने तक फसलों की सिचाई न करें।
-पशुओं को खुले में आसमान के नीचे न रखें।
-मौसम साफ होने पर रोगों की रोकथाम करें। क्या है नुकसान
- बारिश के चलते दलहनी व तिलहनी फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। चना, मटर, मसूर, अरहर, सरसों व लाही का विकास रुकने के साथ ही फूल गिरने की की आशंका है। इसके अलावा सब्जियों को भी नुकसान हो सकता है। मौसम साफ होने पर करें दवाओं का छिड़काव
बारिश के बाद मौसम साफ होने पर आलू, सरसों, तोरिया व सब्जियों में फफूंदी का रोग लग सकता है। ऐसे में रोकथाम के लिए किसान डाइथेन एम-45 300 लीटर पानी में 500 ग्राम घोलकर प्रति एकड़ स्प्रेयर मशीन से छिड़काव करें।
-डॉ. उपेंद्रनाथ सिंह, कृषि वैज्ञानिक केवीके गोंडा