गोंडा : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रयास तो कर रही है लेकिन, अभी कई मुद्दे ऐसे हैं जिनका समाधान जरूरी है। सिचाई के लिए बिजली दरें सस्ती करने के साथ ही किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर दिलाया जाना चाहिए। किसान अपनी बात उचित फोरम पर रख सकें, इसके लिए किसान आयोग का गठन भी जरूरी है। किसानों ने आम बजट में इन समस्याओं के समाधान की उम्मीद जताई है। पेश है एक रिपोर्ट : इनसेट
मिलती है निराशाआम बजट से उम्मीदें तो हर बार रहती हैं लेकिन, मिलती सिर्फ निराशा है। हर व्यक्ति की सुनवाई के लिए आयोग है लेकिन, किसान के लिए कोई आयोग नहीं बन सका है। केंद्र सरकार को चाहिए सबसे पहले किसान आयोग का गठन करे। जिससे किसान अपनी बात उचित फोरम पर रख सकें।
-शिवराम उपाध्याय, मंडल महासचिव भाकियू 500 रुपये क्विटल हो गन्ना मूल्य
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खेतों में तैयार उत्पाद का मूल्य भी बढ़ाना होगा। गन्ने का रेट कम से कम पांच सौ रुपये क्विटल करने के साथ ही समय से खरीद व भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिए। अभी किसानों को गत वर्ष का गन्ना मूल्य भी नहीं मिल सका है।
-रितेश सिंह, किसान बिजली की दरें हों सस्ती
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाय। इसके लिए अनुदान के साथ ही तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था बजट में होनी चाहिए। किसानों के लिए बिजली सस्ती करने के साथ ही सिचाई की व्यवस्था ठीक की जाय।
-सुधीर तिवारी, किसान सोलरपंप पर बढ़ाएं छूट
सहफसली खेती से ही अतिरिक्त आय संभव है। फसल सुरक्षा को लेकर सरकार को सोलर फेन्शिग (सौर ऊर्जा प्रवाहित तार की बैरिकेडिग) पर अनुदान देना चाहिए। जिससे किसानों के फसल की सुरक्षा हो सके। इसके अलावा सोलरपंप की खरीद पर छूट बढ़ाई जाए।-अनिलचंद पांडेय, किसान