गोंडा: पसका के रामकुमार के बेटे को कुत्ते ने काट लिया। इस पर जब वह एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने के लिए परसपुर अस्पताल गए तो, उन्हें वापस कर दिया गया। बताया गया कि वैक्सीन नहीं है। ऐसे में उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल आना पड़ा। यहां पर जब तक वह पहुंचते, इंजेक्शन कक्ष बंद हो चुका था। ऐसे में उन्हें वापस होना पड़ा। यह दर्द किसी का एक नहीं बल्कि कुत्ता व बंदर काटने से घायल हुए सभी मरीजों का है। एंटी रैबीज वैक्सीन न होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में स्थित 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर वैसे एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था है। यहां पर सीएमओ के अधीन ड्रग वेयर हॉउस से दवाएं व वैक्सीन भेजी जाती हैं। मौजूदा समय में मुख्यालय स्थित ड्रग वेयर हॉउस में ही एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। जिससे जिले के सीएचसी पर भी इसकी उपलब्धता नहीं है। ऐसे में मरीजों को दिक्कत हो रही है। हालांकि विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि आदेश भेजा गया है, जल्द ही उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी
यहां भी हो सकती है मुश्किल
- जिला अस्पताल में वैसे अभी एंटी रैबीज वैक्सीन है। स्वास्थ्य कर्मियों की मानें तो जिस तरह से मरीज आ रहे हैं, उसके हिसाब से तीन दिन की वैक्सीन और रह गई है। ऐसे में यहां भी मुश्किल खड़ी हो जाएगी। जिला अस्पताल में ग्लूकोज की बोतलों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। श्वांस की बीमारी से राहत दिलाने वाली दवा भी नहीं है।
जिम्मेदार के बोल
यह बात सही है कि एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। इसके लिए कॉरपोरेशन को डिमांड भेजी गई है। जैसे ही आपूर्ति होगी, उसे अस्पतालों में भेज दिया जाएगा। इसके लिए पत्राचार किया जा रहा है।
- डॉ. मलिक आलमगीर, एसीएमओ