16 फरवरी को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

पीएम नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की यात्रा करेंगे। इस दौरान वह 30 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।                                                                                                                                                             नई दिल्‍ली, । पीएम नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की यात्रा करेंगे। इस दौरान वह 30 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसमें बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में 430 बेड का सुपर स्‍पेशियेलिटी सरकारी अस्‍पताल और 74 बेड का मनोरोग अस्‍पताल का उद्घाटन भी शामिल है। इसके अलावा पीएम मोदी आईआरसीटी की महाकाल एक्‍सप्रेस का वीडियो के जरिए उद्घाटन करेंगे। यह पहली रात्रिकालीन निजी ट्रेन है जो तीन तीर्थस्‍थलों वाराणसी, उज्‍जैन और ओंमकारेश्‍वर को जोड़ेगी। इसके अलावा पीएम मोदी पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय मेमोरियल सेंटर में 63 फिट की पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 16 फरवरी 2020 को एक दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान दीनदयाल उपाध्याय स्मारक को वह राष्ट्र को समर्पित करेंगे और उनकी प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। इस दौरान तीन ज्योतिर्लिंग के तीर्थस्थलों- वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी देकर रवाना करेंगे। वहीं वाराणसी में 430 बिस्तर वाले सुपर- स्पेशिएलिटी सरकारी अस्पताल सहित कुछ विकासात्मक परियोजनाओं का शुभांरभ करेंगे। प्रधानमंत्री श्री जगदगुरू विश्वाराध्य गुरूकुल के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भी शामिल होंगे। वह श्री सिद्धांत शिखामणि ग्रंथ के 19 भाषाओं में अनूदित संस्करण तथा इस के मोबाईल ऐप का भी विमोचन करेंगे। पीएम इसके बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसी आयोजन में वे पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फुट की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। यह देश में अब उनकी सबसे बड़ी प्रतिमा है। 200 से अधिक शिल्पकारों ने एक वर्ष तक दिन रात काम करके इस प्रतिमा को पूरा किया है। इस स्मारक केंद्र में पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और काल से संबंधित जानकारियां भी होंगी। ओड़िशा के लगभग 30 शिल्पकारों और दस्तकारों ने पिछले वर्ष के दौरान इस परियोजना पर कार्य किया है।प्रधानमंत्री एक सार्वजनिक समारोह में 30 से अधिक परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इऩ परियोजनाओं में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में 430 बिस्तर का सुपर स्पेशिएलिटी सरकारी अस्पताल तथा बीएचयू में ही 70 बिस्तर वाला मनोरोग चिकित्सा अस्पताल शामिल हैं। प्रधानमंत्री वीडियो लिंक के माध्यम से आईआरसीटीसी की प्राइवेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस को रवाना करेंगे। यह ट्रेन तीन ज्योतिर्लिंग तीर्थस्थलों-वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी यह देश में पहली ओवरनाइट प्राइवेट ट्रेन होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘काशी एक रूप अनेक’ के आयोजन का भी इस दौरान उद्घाटन करेंगे। वह अमेरिका, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया सहित विश्व के विभिन्न देशों से आये हुए खरीदारों और दस्तकारों के साथ भी बातचीत करेंगे। ‘काशी एक रूप अनेक’ पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम है। इसमें पूरे उत्तर प्रदेश के उत्पादों को प्रदर्शित किया जायेगा।


जंगमबाड़ी में तैयारियों को मिला अंतिम रूप

पीएम के आगमन के मद्देनजर जंगमबाड़ी मठ में शुक्रवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। मठ के पीठाधीश्वर चन्द्रशेखर शिवाचार्य स्वामी ने सभी कार्यों की निरीक्षण किया। पीएम का सम्बोधन मठ के बड़े आंगन में बन रहे मंच पर होगा। मंच को अंतिम रूप देने के लिए दिनभर कार्य होता रहा। मठ के पीठाधीश्वर के अनुसार मंच पर पीएम के अलावा चारों पीठाधीश्वर विराजमान होंगे। मंच के सामने दर्शक दीर्घा बनाई गई है जिसमें मठ की शाखाओं के उपचार्यों समेत दो सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था है। शेष लोग आश्रम के भीतर स्थित बड़े हाल में बैठेंगे। गुरुकुल के छात्र सहस्त्र शिवलिंग के बगल में आंगन में बैठेंगे। इन स्थानों पर स्क्रीन टीवी लगाई जाएगी जिसके माध्यम से लोग पीएम के कार्यक्रम को देख सकेंगे। विभिन्न स्थानों से आये मठ से जुड़े भक्त भी टीवी स्क्रीन के माध्यम से कार्यक्रम देखेंगे। पीएम जंगमबाड़ी मठ स्थित जगद्गुरु विश्वराध्य की जीवंत समाधि का दर्शन भी करेंगे। पीएम को उनकी तरफ से स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र व शाल भेंट करने के अलावा एक विशेष माला समर्पित की जाएगी।
निकलेगी पालकी शोभायात्रा

जंगमबाड़ी मठ से शनिवार को एक भव्य पालकी शोभायात्रा निकाली जाएगी। जो जंगमबाड़ी मठ से आरम्भ होकर लक्सा, रथयात्रा, सिगरा, लहुराबीर, चेतगंज नई सड़क होते पुनः मठ में पहुंचेगी। पालकी शोभायात्रा में मठ के पांच में से चार पीठाधीश्वर पालकी पर सवार रहेंगे। उन पीठाधीश्वरों के साथ मठ विशेष के लिए निर्धारित रंगों के वस्त्र धारण किये स्त्री-पुरूष भक्त शामिल होंगे। विशेष आकर्षण गुलवर्गा कर्नाटक से आये 100 कलाकारों की टीम नृत्य व वाद्य यंत्र बजाते हुए चलेगी       श्रीसिद्धान्त चिंतामणि का क्षेत्रीय भाषाओं में है अनुवाद

 


 


पीएम नरेंद्र मोदी श्रीसिद्धान्त चिंतामणि ग्रन्थ के हिंदी संस्करण का लोकार्पण करेंगे। आश्रम पीठाधीश्वर के अनुसार इसे जगतगुरु रेनुकाचार्य ने अगस्त्य ऋषि को उपदेशित किया था। 8वीं शताब्दी में शिवाचार्य स्वामी ने इसे लिपिबद्ध किया। अनुष्टुप छंद में 1400 श्लोकों इसमें है। मूलरूप में संस्कृत में है। इसका अनुवाद 19 भारतीय भाषाओं हिंदी, भोजपुरी, अवधी, मैथिली, ब्रज, गुजराती, उड़िया, तमिल, तेलुगु , मलयालम मराठी, कन्नड़, रसियन और नेपाली भाषा में है।