पीएम ने राहुल गांधी के डंडे वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जिसको माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर डंडों का असर नहीं होगा।नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और बोडो (Bodo Peace Accord) समझौते पर हस्ताक्षर के बाद पहली बार असम (Assam के दौरे पर हैं। पीएम मोदी कोकराझार में रैली को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने 'भारत माता की जय' के नारे लगवाए। इस दौरान पीएम मोदी ने राहुल गांधी के डंडे वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं, उसको कुछ नहीं होता।- मैं आज असम के हर साथी को ये आश्वस्त करने आया हूं कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता को, इसके समर्थकों को, देश न बर्दाश्त करेगा, न माफ करेगा। यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत से असम और नॉर्थ-ईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं कि CAA से यहां, बाहर के लोग आ जाएंगे, बाहर से लोग आकर बस जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा: पीएम मोदी- हमने नॉर्थ-ईस्ट के अलग-अलग क्षेत्रों के भावनात्मक पहलू को समझा, उनकी उम्मीदों को समझा, यहां रह रहे लोगों से बहुत अपनत्व के साथ, उन्हें अपना मानते हुए संवाद कायम किया: पीएम मोदी- 21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है। आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है। बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे। इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी: पीएम मोदी- अब केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक सझजौते पर सहमति जताई है, जिस पर साइन किया है, उसके बाद अब कोई मांग नहीं बची है और अब विकास ही पहली प्राथमिकता है और आखिरी भी: पीएम मोदी
- गांधी जी कहते थे कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमें जो भी प्राप्त होता है वो सभी को स्वीकार होता है। अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र और भारत के संविधान को स्वीकार किया है: पीएम मोदी
- आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ-ईस्ट के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत, एक नए सवेरे का, नई प्रेरणा को स्वागत करने का है। अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र को स्वीकार किया है, भारत के संविधान को स्वीकार किया है: पीएम मोदी- कभी-कभी लोग मोदी को डंडा मारने की बातें कहते हैं, लेकिन जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं उसको कुछ नहीं होता: पीएम मोदी- प्रधानमंत्री बोडो समझौते को लेकर कोकराझार (Kokrajhar) में होने वाले समारोह में शामिल होंगे। साथ ही एक रैली को भी संबोधित करेंगे।। इस मौके पर असम के बोडो बहुल कोकराझार शहर में पीएम मोदी के स्वागत के लिए बड़ी तैयारियां की गई हैं।
1,500 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण
बोडो समझौते के तहत प्रमुख उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के 1,500 से ज्यादा उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
70 हजार दिए जलाकर जाहिर की खुशी
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद पीएम मोदी का यह पहला असम दौरा है। इससे पहले गुरुवार को कोकराझार के लोगों ने सड़कों और गलियों में 70 हजार मिट्टी के दीए जलाकर अपनी खुशी जाहिर की। इस दौरान ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन इस दौरान बाइक रैली भी निकाली।
असम दौरे को लेकर उत्सुक
गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं असम के दौरे को लेकर उत्सुक हूं। मैं एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूंगा। हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए जाने का जश्न मनाएंगे, जिससे दशकों पुरानी समस्या का अंत होगा।' उन्होंने कहा कि यह समझौता शांति और प्रगति के नये युग की शुरुआत का प्रतीक होगा।
इससे पहले मोदी-शिंजो की बैठक हुई थी रद
बता दें कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते ही प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री एबी शिंजो के बीच दिसंबर में गुवाहाटी में होने वाली शीर्ष बैठक रद कर दी गई थी। इसके अलावा हाल में संपन्न 'खेलो इंडिया' गेम्स के उद्घाटन के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हुए थे।
क्या है बोडो शांति समझौता
भारत सरकार, असम सरकार और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन- नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के बीच एक शांति समझौता हुआ। इसके तहत प्रमुख उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के 1,500 से ज्यादा उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। असम के चार जिले बोडो टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट (BTAD) के तहत आते हैं। ये जिले हैं- कोकराझार, बक्सा, उदलगुड़ी, चिरांग। इन जनजातियों द्वारा लंबे समय से अलग राज्य- बोडोलैंड की मांग की जाती रही है। सबसे पहले यह मांग 1966-67 में उठाई गई थी।