भविष्य' से खिलवाड़ कर रहे 'धरती के भगवान'

गोंडा : बच्चे देश के भविष्य हैं। उनकी सेहत की चिंता सरकार कर रही है। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों पर नौनिहालों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) चलाया जा रहा है, पर 'धरती के भगवान' 'भविष्य' से खिलवाड़ कर रहे हैं। निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन विजय विश्वास पंत की समीक्षा में गोंडा समेत कई जिलों के चिकित्सकों की कारगुजारी सामने आई है। अब उन पर कार्रवाई की कवायद की जा रही है।आरबीएसके के तहत मोबाइल हेल्थ टीम का गठन किया गया है। यह टीम स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज करती है। तरबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों के सेहत की जांच के लिए दो मोबाइल हेल्थ टीमें काम कर रही हैं। निदेशक की रिपोर्ट के अनुसार, एक टीम की चिकित्साधिकारी डॉ. अनुपमा जनवरी में एक भी दिन न तो स्कूल गईं न ही आंगनबाड़ी केंद्र। आरबीएसके पोर्टल पर अपनी हाजिरी दिखाने के लिए उन्होंने सीएचसी पर सेल्फी ली गई पुरानी फोटो को अपलोड किया। सीतापुर, अयोध्या, हरदोई, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली, बस्ती, कुशीनगर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर जिलों के भी डॉक्टरों ने ऐसा ही खेल किया है। अप्रैल से दिसंबर 2019 तक 8849012 परीक्षित बच्चों में से 20708 बच्चों को ही पोषण पुनर्वास के लिए चिह्नित किया। जनवरी में प्रदेश में कुल 53907 बच्चों का उपचार किया गया। इसमें से 50 हजार 58 बच्चों की सूचना बिना फोटो के ही पोर्टल पर अपलोड की गई।


मिशन निदेशक की समीक्षा में तरबगंज की डॉ. अनुपमा की ओर से पोर्टल पर फर्जी हाजिरी पकड़ी गई है। उन पर कार्रवाई की जाएगी।


- उमाशंकर, जिला कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम