जंगलवासियों को मिल गया श्रमिक होने का प्रमाणपत्र

गोंडा : जंगल में रहने वाले जरूरतमंद अब पंजीकृत श्रमिक हो गए हैं। श्रम विभाग ने कार्यक्रम का आयोजन कर प्रमाण पत्र का वितरण कराया। पांच वन टांगिया गांवों के 151 श्रमिकों का पंजीकरण विभाग ने किया है। अब वह विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।सोमवार को मनकापुर के अशरफाबाद में प्रमाण पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया। उप श्रमायुक्त देवीपाटन मंडल रचना केसरवानी ने बताया कि तहसील मनकापुर व तरबगंज क्षेत्र के पांच वनटांगिया गांवों में पंजीकरण के लिए कैंप लगाया गया था। इन गांवों में 151 श्रमिक पंजीकरण के लिए चिन्हित किए गए थे। इनमें अशरफाबाद के 25, बुटहनी 40, रामगढ़ 23, महुलीखोरी 43 व मनीपुरग्रंट के 20 श्रमिक शामिल हैं। सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने श्रमिकों को पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीओ ने कहा कि गत कुछ वर्षों में ही वनग्राम की सूरत बदल गई है। पहले राजस्व ग्राम का दर्जा मिला, फिर विकास के लिए कवायद तेज हुई। धीरे-धीरे हर परिवार आजीविका से जुड़ने के साथ ही मुकाम हासिल करने की कोशिश में जुट गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाएं अपने रुचि के अनुसार कार्य कर रही हैं। वहीं, श्रमिकों को पशु शेड निर्माण के लिए स्वीकृत पत्र भी दिया गया। कार्यक्रम में उपायुक्त श्रम एवं रोजगार हरिश्चंद्र राम प्रजापति, श्रम प्रवर्तन अधिकारी योगेश दीक्षित, बीडीओ अजीत कुमार मिश्र, जिला परियोजना प्रबंधकनीलाम्बुज कुमार श्रीवास्तव, एपीओ अमित राव मौजूद रहे।