चित्र-10 एसआइटी-09- अव्यवस्था - जल निकासी न होने से लगभग सभी मुहल्लों में है जल भराव - मछली पालन को भी तालाब का ठेका नहीं लेते मछुआरे सीतापुर : कस्बे के निकाय क्षेत्र में जल निकासी के इंतजाम नहीं हैं। 25 वार्ड हैं, इनमें लगभग सभी वार्डों लोग जल भराव से ही परेशान हैं। अधिक दिन तक जल भराव रहने से कई बार लोग संक्रामक रोगों जूझ चुके हैं। पिछले साल डेंगू से कई जानें जा चुकी हैं। फिर निकाय के जिम्मेदार जल निकासी के इंतजाम में सक्रिय नहीं हैं। हालात ये हो गए हैं कि कस्बे के 75 फीसद इंडिया मार्का हैंडपंप से पीला दुर्गंध युक्त पानी आ रहा है। कस्बा वासियों का कहना है कि कस्बे के तालाबों में फैक्ट्रियों का जहरीला पानी कई दशकों से आ रहा है। इस कारण पूरे कस्बे की आबोहवा सेहत के लिए नुकसानदेह है। पूरा वातावरण प्रदूषित है। कस्बे के लोगों ने बताया कि, तालाबों में भरा प्रदूषित जल के कारण अब मछली पालन का ठेका भी कोई नहीं लेता है। कई बार सैकड़ों क्विंटल मछलियां मर जाने से मछुआरों को नुकसान भी हुआ है।
इन मुहल्लों में है जलभराव
कटरा, कुल्हन सरांय, तुर्कपट्टी, सुजावलपुर, बकसरिया टोला, मसवासी टोला, करनपुर, शेखपुरा, ललियापुर, भूलनपुर। जल निकासी नहीं
कस्बे के मुख्य तालाब जैसे-मसवासी, राजा का तालाब, गौरी मंदिर के पास टेड़वा तालाब है जो आपस में जुड़े हैं। मसवासी व राजा का तालाब का पानी टेड़वा तालाब में भरता है वर्षाकाल में टेड़वा तालाब ओवर फ्लो हो जाता है जिससे पानी मंदिर परिसर में आकर भरता है। इससे मंदिर की चहारदीवारी प्रभावित होती है। इन तालाबों में नगर क्षेत्र का दूषित पानी भी आकर भरता है। इससे तालाब का जल काफी प्रदूषित है। ऊंचाई पर है नाला ललियापुर में चोक
गौरी देवी मंदिर के समीप से बीसीएम-नया बाजार मध्य मार्ग से नाला बनाया है जो कि अभी तक अधूरा है। ये ललियापुर होकर हाईवे पर निकला है ललियापुर में नाला चोक है इसलिए इसमें पानी निकासी बाधित है। आसपास के लोगों का कहना है कि नाला ऊंचाई पर है इसलिए भी पानी निकासी बाधित है। बोले जिम्मेदार..
नगर क्षेत्र में जल भराव की समस्या को दूर करने को गौरी देवी मंदिर के पड़ोस से नाला निर्माण कराया गया है। जल भराव की स्थिति तब तक दूर नहीं हो पाएगी, जब तक की मार्ग के सारे अवरोध खत्म नहीं हो जाते। इसके अलावा अन्य स्थानों को चिह्नित कराया जा रहा है ताकि जलभराव की स्थिति को खत्म कराया जा सके।
- हृदयानंद उपाध्याय, ईओ