नैमिषारण्य के विकास को बनाएं मास्टर प्लान : प्रमुख सचिव

मिश्रिख (सीतापुर) : नैमिषारण्य के सत्संग भवन में शनिवार को 'नैमिष विकास परिषद' के गठन के संबंध में संत-महंतों व अधिकारियों के साथ प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार ने बैठक की। प्रमुख सचिव ने युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने पर जोर दिया। कहा, नैमिष धार्मिक ही नहीं, आध्यात्मिक स्थल भी है। यहां पर भागवत कथा के लिए सात-आठ दिन परिवार के साथ युवा वर्ग रहता है। ये युवा यहां से आध्यात्मिक सीख लेकर जा सकते हैं, उस दिशा में संत-महंतों को काम करने की जरूरत है। कहा कि, प्रमुख सचिव पर्यटन के रूप में हमने अनुभव किया कि तीर्थ विकास के लिए जो योजनाएं बन रही हैं या फिर वे योजनाएं जो नैमिषारण्य आ रही हैं, वे टुकड़ों टुकड़ों में हैं। योजनाओं में जो एक संपूर्ण प्रतिफल दिखना चाहिए, वह मिसिग है।प्रमुख सचिव ने अधिकारियों से कहा, नैमिष विकास के लिए मास्टर प्लान बना लें, जो भी कार्य हो उसी दिशा में कराएं। स्थानीय लोगों से कहा कि, हम लोग कुल मिलाकर अवस्थापना सुविधा सृजित कर सकते हैं पर, उसे चलाने के लिए जिम्मेदारी स्थानीय लोगों को लेनी पड़ेगी। कहा, नैमिष के पास से गोमती नदी निकली है। इसका तट बहुत ही रमणीय हो सकता है। गोमती तट पर योगा सेंटर विकसित किए जा सकते हैं। उन्होंने संत-महंतों से कहा, उन्हें लगता है कि बाहरी श्रद्धालुओं को नैमिष तीर्थ समझने के लिए इंटरप्रिटेशन सेंटर होना चाहिए। इन्होंने दिए सुझाव


पंडित राम नारायण मिश्र ने सुझाव रखा कि, श्रद्धालुओं के गाइड के लिए युवाओं को जोड़े। रेलवे कनेक्टिवटी हो। महेश तिवारी ने आवासीय विद्यालय की जरूरत बताई। कहा, तीर्थ पुरोहितों को रोजगार में लगाना चाहिए। 84 कोसी परिक्रमा जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। विवेक कुमार दीक्षित ने सुझाव दिया कि नैमिष में प्रकाश, मार्ग, पेयजल, शौचालय की जरूरत है। ललिता देवी मंदिर के आसपास शौचालय नहीं है। चक्रतीर्थ से ललिता देवी मंदिर मार्ग पर भी कोई शौचालय नहीं है। महंत बजरंग दास ने कहा, गोमती पर लक्ष्मण झूला की तरह पुल बने जो आकर्षण का केंद्र भी होगा। राजघाट, चक्रतीर्थ का निरीक्षण


पर्यटन की ²ष्टि से क्या कार्य हो सकते हैं इसे देखने को प्रमुख सचिव राजघाट गए। इसके बाद चक्रतीर्थ पहुंचे। यहां जल निकासी, साफ-सफाई देखी। लटकते बिजली तारों को देख कहा, इन्हें दुरुस्त करो। इस दौरान डीएम अखिलेश तिवारी आदि मौजूद रहे