फरवरी में ही भेज दिया मार्च का बिजली बिल

गोंडा: बिजली विभाग का खेल निराला है। अभी फरवरी बीती भी नहीं है, इसी बीच विभाग ने उपभोक्ताओं से वसूली के लिए मार्च का भी बिल भेज दिया। हर माह रीडिग के बाद बिल तैयार किए जाने की व्यवस्था है लेकिन, यहां पर एडवांस में ही बिजली बिल पहुंचने के बाद विभागीय अफसर हैरत में है। जिला अस्पताल में सीएमओ दफ्तर पहुंचे इन बिलों को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लिखा पढ़ी की तैयारी कर रहे हैं।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंतनगर में दो साल पहले ट्रांसफार्मर जल गया। तब से इसे सही नहीं किया गया। यहां का 31 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2020 का बिजली का बिल दो लाख 19 हजार 137 रुपये भेजा गया है। सुभाषनगर में पहले मलेरिया दफ्तर चलता था, अब वह स्थानांतरित हो गया है। यह दफ्तर सीएमओ कार्यालय में शिफ्ट हो गया है। इसके बाद भी बिजली विभाग यहां पर रोशनी फैला रहा है। यहां के मलेरिया दफ्तर पर तीन लाख 52 हजार 595 रुपये का बिल भेजा गया है। फाइलेरिया ऑफिस पर चार लाख 83 हजार 996 रुपये का बिजली बिल भुगतान के लिए भेजा गया है। विभागीय अधिकारी हैरत में हैं कि अभी फरवरी चल रही है और मार्च तक का बिल एडवांस में कैसे विभाग ने तैयार कर लिया। नियमत: यहां पर हर माह जलने वाली बिजली की रीडिग ली जाती, उसके बाद बिल आना चाहिए।


क्या कहते हैं जिम्मेदार:


बिजली बिल का मामला आया है, संबंधित अधीक्षकों से सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद देखा जाएगा।


डॉ. मधु गैरोला, सीएमओ - संबंधित विभागों को बजट के लिए डिमांड भेजना रहता है, इसलिए एडवांस में बिलिग की गई है।


 


वेंकट रमन, अधिशासी अभियंता, बिजली विभाग