पुल निर्माण की गति धीमी, नाव के सहारे आवागमन

अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा को सुगम बनाने के साथ ही गोंडा व बाराबंकी जिला की दूरी कम करने के लिए घाघरा नदी के मूर्तिहन घाट पर केंद्र सरकार ने पक्का पुल बनाने की स्वीकृति दी थी                                                                       गोंडा : अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा को सुगम बनाने के साथ ही गोंडा व बाराबंकी जिला की दूरी कम करने के लिए घाघरा नदी के मूर्तिहन घाट पर केंद्र सरकार ने पक्का पुल बनाने की स्वीकृति दी थी। नदी पर पक्का पुल तो नहीं बना लेकिन, पीपा पुल जरूर बनना शुरू हो गया। पुल निर्माण की चाल इतनी मंद है कि इसे देखकर कछुआ भी शरमा जाएबीते 21 जनवरी को नदी के ऐली परसौली घाट पर नाव हादसे में चार लोगों की हुई मौत को भुला दिया गया। बरसात के समय नदी का जलस्तर बढ़ने के पूर्व 15 जून से 15 अक्टूबर तक चार माह के लिए पीपा का पुल खोल कर हटा दिया जाता है। इस दरम्यान लोग नाव से आवागमन करते हैं। फरवरी आ गई है और अभी तक पीपा का पुल बनकर तैयार नहीं हो पाया है। यदि इसी रफ्तार से निर्माण होता रहा तो फरवरी बीतने तक तैयार हो पायेगा। उधर 15 जून से इसे खोल दिया जाना भी लाजिमी है। इस पुल पर मात्र साढ़े तीन माह ही आवागमन रहेगा। पुल निर्माणाधीन होने से लोगों को जान हथेली पर रखकर नाव से ही आवागमन करना पड़ रहा है। अवर अभियंता राम निवास ने बताया कि नदी में पानी का बहाव तेज है। इसलिए काम प्रभावित हो रहा है। प्रयास है कि जल्द ही पुल तैयार हो जाए।